Oct 17, 2008

डॉन को पकड़ना नामुमकिन है

क्रिकेट भारत में अगर धर्म है तो उसके अधोषित देवता सचिन रमेश तेंदुलकर है । सचिन को इस मुकाम तक पहुचने में भले ही १५ साल से ज्यादा लगे हो । लेकिन उन्होंने क्रिकेट करियर के आगाज १९८९ में ही यानि कराची में पाकिस्तान के खिलाफ अपने पहले टेस्ट मैच में ही दिखा दिया था की दुनिया को जल्दी ही क्रिकेट का शहंशाह मिलने वाला है । फिर कराची से जो सचिन का सफर शुरू हुआ वो आज भी जाड़ी है। इस सफर में भारत के अधोषित भगवान् को कई मुश्किल भरे दौर से भी गुजरना पड़ा । लेकिन शहंशाह तो शहंशाह ठहरा । उसने हर चुनौतियों का सामना किया अपने सफर को सफलता के शिखर पर पंहुचा दिया है । शायद उस मुकाम तक जहा पहुचना किसी क्रिकेटर के लिए सपना होता है । जी हा ड्रीम यानि सुबह हुयी नही की वो सपने हकीकत से कोसो दूर हो जाते है । दुनिया का कोई ऐसा मैदान नही , कोई ऐसा गेंदवाज नही, जिसे सचिन नाम के भुत का सामना ना करना पड़ा हो । येही सचिन की बादशाहत है जिसने क्रिकेट के सारे रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए है । अब शायद क्रिकेट का कोई ऐसा रिकॉर्ड नही जो सचिन के नाम दर्ज न हो । टेस्ट हो या ओने डे सबसे ज्यादा रन सचिन के नाम है। ये सचिन की बादशाहत को बताने के लिए काफी है । सचिन ने ये बादशाहत १०० कड़ोर के लोगो की उम्मीद को अपने कंधे पर टिका कर हासिल किया है । १९ सालो से सचिन का कन्धा उम्मीदों की बोझ को लादे चलता जा रहा है। दुनिया में तेंदुलकर के खिलाफ क्रिकेट खेलने वाले हर देश शायद सचिन की इस प्रतिभा पर इर्सा करते है। कभी इयान चैपल तो कभी कभी वासिम अकरम गाहे वगाहे सचिन को क्रिकेट से सन्यास लेने की हिदायत देते रहते है .लेकिन हर आलोचकों को तेंदुलकर जबाब अपने बल्ले से ही देते है.......येही काम वो सालो से करते आ रहे है, उनकी माने तो वो उस दिन क्रिकेट को अलविदा कह देंगे जब उनका बल्ला इन आलोचकों को जबाब देना बंद कर देगा । येही सचिन की खुबिया है जो उन्हें भीड़ से अलग करता है और १०० कड़ोर लोगो के बिच उन्हें भगवान् का दर्जा दिलाता है । शायद जिस दिन तेंदुलकर क्रिकेट को अलविदा कहेंगे उस दिन क्रिकेट के लिए वो ऐसा शिखर छोर जायेंगे जिसे फतह करना असंभव होगा ....दुआ करो भारत वासी की सचिन का सफर जारी रहे और आपका भगवान् इसी तरह गेंदावाजो के धुर्रे उडाते रहे । ब्रायन लारा के रिकॉर्ड का फतह तो महज एक पडाव है अभी और दूर जाना है ....बहुत दूर ....शायद इतना दूर जहा क्रिकेट की दुनिया ने सोचा भी नही होगा ...... सचिन करोरो भारत वासी तुम्हारे बल्ले की थाप पर झुमने को मोहताज रहता है, तुम अपना सफर इसी अंदाज़ में जारी रखो ...

2 comments:

AAA said...

Sachin ko diya gaya ye salaam pasand aaya.ish tarah ka karishmai cricketer shayad ab phir se hume dekhne ko nahi mile-----aor hame khud par garvanwit mehsus karna chahiye ki wo bharat ka vir hai aor hamari peedhi ne sachin ko ballebaji karte dekha hai----isse pehle aor baad ki peedi ko shayad tendulkar jaisa koi dusra khiladi dekhne ko na mile----ye kahte huye dukh bhi hai aor sukun bhi ki humara sachin khel ke aakhri padaw par kab pahuch gaya hume pata hi nahi chala---aor ye sukun ki jo expectation ish khiladi se tha usse badkar usse pate huye humne dekha hai

Ajanta said...

Very well written blog. People who criticize Sachin do it for their own gain because they know that they will get the attention they need when they criticize someone with so many followers.

I would like to invite you to our cricket community blog - cricdigs.com Do let us know your thoughts there as well.