Dec 18, 2008

चमत्कार को नमस्कार .......

कहते है चमत्कार बार बार नही होता ये सदियों में एक बार होता है । भारतीय क्रिकेट के ७५ साल के इतिहास में पहली बार चमत्कार हुआ, और इसका गबाह बना चेन्नई का चेपक स्टेडियम ।जाहिर है जब चमत्कार सदियों में एक बार हो तो उसको अंजाम कोई इन्सान नही बल्कि भगवान् ही दे सकता है। चेन्नई में भी चमत्कार को अंजाम क्रिकेट के भगवान् सचिन रमेश तेंदुलकर ने दिया । इंग्लैंड ने चौथी पारी में भारत के सामने जीत के लिए ३८७ रनों का टारगेट दिया था जो अब तक एशिया के क्रिकेट मैदान पर किसी भी क्रिकेट टीम ने इतनी बरी चुनौती की सफलता पुर्बक पार नही किया था । ऐसे में भारत के सामने इस पहाड़ जैसे टारगेट को पाना नामुमकिन ही था । लेकिन अगर भगवान् ख़ुद असंभव को सम्भव करने आ गए तो फिर क्या कहा जा सकता है । चेन्नई में ठीक ऐसा ही हुआ । आधुनिक क्रिकेट के भगवान् सचिन रमेश तेन्दुलकर इंग्लैंड की जीत के बीच में आ गए । फिर १५ दिसम्बर २००८ को चेपक के मैदान पर जो कुछ हुआ उसका गवाह पुरी क्रिकेट बिरादरी बनी ॥ जिसने भी सचिन को बल्लेबाजी करते देखा वो दातो ताले उंगली दबा ली । सचिन ने दम पर पुरी इंग्लैंड टीम को मात दी । हलाकि ये पहला मौका नही था जब क्रिकेट के इस भगवान् ने अपना चमत्कारिक रुख से क्रिकेट बिरादरी को भौचक्का कर दिया हो । ये कम तो वो १९ सालो से करते आ रहे है और इसका गवाह दुनिया का शायद ही कोई क्रिकेट मैदान और देश न हो । वो जहा जाते है आपने बल्ले के जौहर और स्वाभाव से लोगो को अपना मुरीद बना लेते है । उनसे शालीन क्रिकेटर दुनिया ने शायद ही अब तक देखा है । सचिन की महानता का आलम ये है जब भी वो क्रिकेट के मैदान पर उतरने वाले होते है कोई न कोई वर्ल्ड रिकॉर्ड उनका इंतजार कर रहा होता है । आज दुनिया का लगभग हर रिकॉर्ड उन्होंने अपने नाम कर लिया है । सचिन का चेन्नई के इस मैदान से कितना लगाव है की वो इससे पहले १९९९ में पाकिस्तान के खिलाफ भी ठीक ऐसा ही करतब दिखाया था लेकिन उस समय सचिन और देश का दुर्भाग्य था की जीत से महज़ १३ रन रह गया । उनके पर्दर्शन ले लिए उन्हें मन ऑफ़ दी मैच से नवाजा गया लेकिन हार के बाद अवार्ड से नवाजा जाना सचिन को मंज़ूर नही इसलिए उस अवार्ड को वो ख़ुद लेने मैदान पर नही आए । ये सचिन के पेर्सोनालिटी को बताने के लिए काफी है ।

लेकिन चेन्नई जीत को मुंबई में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद को समर्पित करके सचिन ने दिखा दिया की आपसे बड़ा देशभक्त कोई नही । ये देश आपके बल्ले के अदा के साथ आपकी देशभक्ति का कायल है ॥ सचिन तुमको बार बार नमन .......... । ये देश कितना खुशनसीब है जिसे गाँधी के बाद आप जैसा नायक मिला है ॥ हमारे राजनेता अगर आपसे थोड़ा भी देशभक्ति सिख पाते तो देश की तस्बीर ही बदल जाती ।